हम उनके कुछ बातों को ही आप लोगों के साथ में शेयर कर सकते हैं।
जिस भी मनुष्य को अपना ज्ञान हो जाता है वह मनुष्य किसी की भी नहीं सुनता सिर्फ अपनी धुन में लगा रहता है फिर उसके चलने के ढंग हो या उसके बोलने के ढंग सभी चीजों में बदलाव आ जाती है।
ठीक वैसे ही हमारे बापूजी थे, उनकी बातों में कई रहस्यमई बातें छुपी रहती थी। वह अपनी कलम के मदद से या वाणी की मदद से कई सारी परेशानियों को इस कदर दरकिनार कर देते थे कि कई लोगों को परेशानियों का सामना करने से भी डर लगता था।
गांधीजी करते थे ईश्वर कई हो सकते हैं लेकिन तुम; तुम तो सिर्फ एक हो, जिसे समझना किसी को भी मुमकिन ही नहीं नामुमकिन है , अगर आप इस जिंदगी को अपने लिए नहीं दूसरों के लिए लगा दोगे तो तुम्हारी सारे कष्ट दूर हो जाएंगे, और आप अपने अंदर ही एक भगवान का रूप तलाश कर लोगे,, हर मनुष्य की यही इच्छा होती है कि वह भगवान को तलाश करें, जबकि वह इस माध्यम से अपने अंदर छुपी भगवान के रूप को पहचान लेगा ।
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