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Monday, December 30, 2019

पैर की मोच और एक नई खोज

कहने का मतलब है आप रात दिन सोचते रहते हो क्या होगा? जब आपके माता-पिता या आपके रिलेटिव्स में कोई आपको हमेशा टॉर्चर करता रहेगा "क्या कर रहा है, कहां जा रहा है ,क्यों कर रहा है, क्या करने वाला है, तुम क्या सोचते रहते हो, अपने विचार बताओ, मैं क्या करूं तुम्हारे लिए ॥यह सारी चीजें आपको हमेशा परेशान करती रहेगी, हर कोई ""तो आप क्या करोगे ? आप उनसे दूर जाना चाहोगे या नहीं और दूर जाकर भी आप तब पर भी आप परेशान ही रहोगे, क्योंकि आप सोचोगे मुझसे कोई बात करने वाला नहीं है। जब बात करने वाले होते हैं तो परेशानी और जब बात करने वाले नहीं होते हैं। (कोई पूछने वाला नहीं होता है) तो परेशानी उसी प्रकार से आपका दिमाग भी है ।आपको 2 मिनट, 5 मिनट, 10 मिनट के लिए भी अकेला नहीं छोड़ना चाहता। आपको कुछ ना कुछ थॉट दिमाग में चलता रहेगा और आपको उनसे पीछा भी छुड़ाने है और उनका साथ भी लेना है ।दोनों ही काम आपको करने हैं ।जैसे कि कोई गेम खेलने वाला बच्चे के दिमाग में या आपके दिमाग में अगर आप गेम खेलते हो तो ,,जब आप गेम नहीं खेल रहे भी होते हैं या कोई काम कर रहे होते हैं तो भी आपके दिमाग में वह गेम का दृश्य बन जाता है और आप उस लेवल को पार करने के लिए उस काम के वक्त सोचने लगते हैं या आप सोए हुए हैं :या आप खाना भी खा रहे हैं कोई भी ऐसा काम कर रहे हैं "जब आप गेम खेल नहीं रहे होते हैं तो भी आपके दिमाग में यह चल रहा होता है कि इससे आगे कैसे बढ़ा जाए मैं अगर इस तरफ से गया था तो प्रॉब्लम हुई थी । और रात दिन गेम के बारे में सोचते और खेलते रहें तो

"जी हां" आपकी सोच ही आपके पैर का मोच है और आपके जीवन का नई खोज भी है ।

      अगर मैं उस तरफ से जाता तो हो सकता था कि मैं लेवल पार कर जाता। इसके बाद वाला का लेवल गजब का होगा। यह सब चीजें आपके दिमाग में चल रही होती है' तो आपको अपने दिमाग को अच्छी तरीके से समझ लेना ही आप की अच्छी समझ होगी,, जैसे कि मैं  अगर सो भी रहा होता हूं तो भी मेरे यह दिमाग में चलता रहता है कि मैं अभी सो क्यों रहा हूं। मुझे बहुत सारे काम करने हैं। मुझे यह करने हैं, मुझे वह करने हैं, यह सब चीजें मेरे दिमाग में हर वक्त चलती रहती है और तब पर भी मैं सोया इसलिए रह जाता हूं क्योंकि मेरे दिमाग में कुछ और बिजनेस आईडियाज घूमने लगती है, फिर उसके बाद कब नींद आ जाती है पता भी नहीं चलता फिर से मैं 1 घंटे की नींद एक्स्ट्रा ले लेता हूंअगर मैं उसी समय अपनी चलते-सोचते दिमाग को ब्रेक लगाकर काम करने लगता हूं तो मेरा अच्छा खासा काम निकल जाता है, और मैं अपने दिमाग की मदद से आप लोगों को कुछ बता सकता हूं। जिससे मेरा दिमाग हल्का हो जाता है और हल्का दिमाग आपको काम करने मे थकावट नहीं देगी। जैसे कि अगर आपको 5 किलो का वजन हमेशा लेकर चलना पड़े, हमेशा लेकर कोई भी काम करना पड़े तो आपको हर वक्त परेशानी हो सकती है तो अगर आप उस 5 किलो के वजन को अपने ही एक बॉडी का हिस्सा मानकर और उस पर ध्यान ज्यादा ना देकर अपने ही काम में लगे रहने से आपको वह 5 किलो का वजन पता भी नहीं चलेगा:और आप अपने सारे काम कर भी लेंगे लेकिन जब आप सोने के लिए जाएंगे तो यह 5 किलो का वजन आपको परेशान कर सकता है क्योंकि सोते वक्त आदमी एकदम फ्री होना चाहता है तो सोच लीजिए कि जब आप इस दुनिया में नहीं रहने रहेंगे तो आपको इन सब सोच को अपने जीवन में पहले ही उतार कर जाना पड़ेगा तो आप जितना जल्दी हो सके अपने सोच से काम लेकर और उस वजनी समान को मरने से पहले आपको यही छोड़कर और अच्छी सुरक्षित जगह पर रख कर जाना होगा।;   

रोते रहें- रोते रहें -रोते रहें ,इससे पहले कुछ कर ले लेकिन हमेशा रोते मत रहे।

क्योंकि आप दूसरी जन्म जब लेंगे तो आपको फिर से यह थॉट- फ़ॉर्मेट करके फिर से दिया जाएगा । जिससे कि आप अपनी काम को अपने दिमाग से करने का विचार कर सकें और फिर शुरू हो जाती है- आपकी जिंदगी, "इसी जिंदगी का नाम है मरना और जीना । अपना कर्म करके जाना- अपने सारे काम को किसी के भरोसे छोड़कर मत जाना जहां तक हो सके वहां तक आप अपने काम को ,अपने तरीके से, आपकी मौजूदगी में हो जानी चाहिए। तब हो सकता है आप उस चीज से खुश रहें जिससे आप खुश रहना चाहते हैं। खुश रहने की गारंटी सिर्फ और सिर्फ आपके ऊपर में है क्योंकि दुखी मनुष्य दुखी काम को करके दुखी लोगों को और दुखी करके नहीं छोड़नी चाहिए। ऐसे कामों का कोई लाभ प्राप्त नहीं होता हैआपके दिमाग के सबसे अच्छे सोच को सबसे अच्छे लोगों के पास शेयर कीजिए तभी आपकी अच्छी सोच उसके अच्छे दिमाग में प्रवेश करेगी और तभी कुछ अच्छा हो पाएगा। ऐसे तो दुनिया में कई सारे अपने -अपने सोच के बल पर आज तक चलते आ रहे हैं और चलते ही रहेंगे, हो सकता है इसमें थोड़ी सी बदलाव लाने के लिए आप किन्ही की मदद ले या किन्ही को मदद दें यह बहुत अच्छी बात है तो अगर मेरी यह अच्छी सोच को आप अपने अच्छे दिमाग से सोच -समझकर पूरा कर ले तो अच्छी बात है पता नहीं अगले ही पल क्या होने वाला है तो क्यों ना इसी पल में कुछ ऐसे पल के बोल मैं आप लोगों को दे दु और आप इस समय में ही पढ़ ले , जो करने हैं इसी पल में पूरा कर ले क्या जाने अगले पल में क्या होने वाला है। कुछ भी नहीं जानते हैं अगले पल में क्या होने वाला है तो आपके इसी पल में ऐसा क्या हो, जिस से आने वाला पल मेरे लिए खुशी प्रदान कर सके और मैं इसी पल में कुछ ऐसे काम कर जाऊँ, जिस से आने वाला पल- कल के रूप में मुझे ही प्राप्त होने वाली है अगर प्राप्त हो या ना हो लेकिन मुझे इसी पल में कुछ ना कुछ करना है ।इन सब चीजों को आप अगर अच्छे दिमाग से अच्छे टाइम पर अच्छे जगह पर थोड़ी देर के लिए ही सही अच्छे से सोचते हैं तो मैं आपको गारंटी देता हूं कि आप जरूर कुछ अच्छे काम कर पाएंगे और ऐसे काम करने वाले बहुत कम होते हैं, जो सबसे पहले अपने दिमाग को अच्छे तरीके से काम में लाकर सभी को मदद करते हैं फिर कोई और अच्छे काम में जुड़ जाते हैं। तभी तो कहा जा सकता है आप आए तो हैं अकेले और जाएंगे भी अकेले लेकिन आपने अपने दिमाग से अच्छे कल के लिए कुछ ना कुछ सभी के लिए करके जा रहे हैं इनसे आपको काफी मदद मिलेगी क्योंकि जो लोग इस वक्त धरती पर हैं वह अपने सोच की बदौलत ही अपने सगे संबंधी के प्यार को पा रहे हैं ।

"जिंदगी को गीत बना कर जीत ले"

अपने सभी समृद्धि की मदद भी उन्हें बिना बताए कर पा रहे हैं क्योंकि जो सामने में होता है। उससे हटकर लोग कुछ और एक्स्ट्रा करना चाहते हैं, जिससे किसी को पता भी ना चले और पीछे से सभी को पूरी बात पता भी रहे क्योंकि अगर मैं अपनी प्रशंसा अपने मुंह से करूं तो लोग अच्छे नहीं कहेंगे,, अगर वही कोई और दूसरा आपकी प्रशंसा करें तो और ज्यादा अच्छा लगता है, अगर मैं यह कहूं कि मैं यह करता हूं मैं आपकी सोच को बदलता हूं ।मैं यह कर सकता हूं ,मैं आपको पूरी तरीके से आपकी मदद कर रहा हूं तो यह थोड़ी बहुत अच्छी नहीं लगेगी यही अगर कोई दूसरा कहे की कि हां यह जो आदमी तुम्हारे सामने नजर आ रहे हैं। यह तुम्हारी और हमारी, हम सबकी मदद की है और यह सुनकर जो मदद करने वाले होते हैं। उनको यह खुशी तो मिलती ही है, लेकिन इससे ज्यादा खुशी उस आदमी को मिलता है, जब उसे पता यह चलता है कि सामने से तो यह आदमी मदद कुछ करता ही नहीं ,लेकिन पीछे से हमारी इतनी मदद करता हैयह बात आज मुझे पता चल रही है। वह आदमी अपने आप को शर्मिंदगी महसूस करेगा लेकिन जिस आदमी की वजह से वह शर्मिंदगी महसूस कर रहा है उसे उस समय यह बतानी है कि मैं तुम्हारी मदद हर वक्त करना चाहता हूं और मैं यह चीज देखना चाहता था की मेरे लिए तुम्हारे दिल में कितनी प्रशंसा है इसीलिए मैं दूसरे की मदद से तुम्हारी मदद कर रहा था।

ना हमेशा ठंड पसंद है, ना हमेशा गर्मी पसंद है/ सुहावना मौसम ठीक है।

जैसे कि मैं इंटरनेट की मदद से आपकी मदद कर रहा हूं और अगर आप मेरे को डायरेक्टली मेल करेंगे कि मुझे पैसे की जरूरत है, जिससे मैं अपना बिजनेस अपने काम को बढ़ा सकूँ तो हो सकता है कि मैं आपको डायरेक्टली आपकी मदद ना भी करूं। अगर मैं मदद करता हूं तो आप मेरे ही मदद के भरोसे बैठे रह सकते हो, अगर आप कहीं आगे तक निकल चुके हो और मेरी नजर तुम्हारी नजर के साथ मिलती है तो तुम डायरेक्ट उस समय भी कह सकते हो कि, मेरी मदद तुम थोड़े पैसे से कर दो ,हो सकता है तो आप कर दो, तो मैं तुम्हें आगे बढ़ भीकता हूं और बढ़ भी रहा हूं मुझे अभी किसी चीज की जरूरत नहीं है लेकिन इतना तो जरूर है कि मैं आपके पैसे को वेस्ट नहीं होने दूंगा और आपके ही दिए पैसे को आपके और हम अपनी जनता के लिए वह सारे काम कर दिखाएँगे, जिससे आप भी खुश रहेंगे और हम भी खुश रहेंगे तभी तो दोनों का काम चल पाएगा दोनों का काम चले या ना चले लेकिन इतना तो जरूर है कि हमारा इंडिया या मनुष्य जाति में जितनी भी प्राणी है उसके लिए आने वाले प्रॉब्लम को सलूशन आराम से मिल जाएगा ।

बरसों बाद आया परसों




 बस खोजने की जरूरत सिर्फ उन्हें होगी बाकी सब चीज मौजूद होगा। यही तो सबसे बड़ी बात होगी की कुछ अच्छा खोजें और वह अच्छा करने के लिए आपके पास बहुत अच्छी चीजें सामने में प्रदान हो और वह चीज है अभी लेकिन सिर्फ देखने समझने और करने का फर्क रह जाता है जो चीज आपके पास में है वह कई सारे लोगों के पास में नहीं है या कई सारे लोगों के पास में है तो आपके जितना दिमाग नहीं, अगर दिमाग भी हैं तो वह अपने दिमाग को कहीं ऐसी जगह पर लगा रहा है जिससे उन्हें थोड़ी सी भी मदद नहीं मिल रही । अगर मैं चाहूं तो एक नहीं 1000 किताबें लिख दूँ लेकिन अगर वह एक हजार किताबों में कुछ भी ऐसी बात आपको नजर ना आए जिससे कि आपको लगे की वह किताब मदद नहीं दे रही है और आप सिर्फ किताब पढ़े ही जा रहे तो आपको सिर्फ करना यह है की उन किताब का सिर्फ एक ही लेसन को पढ़कर और उन में कही गई बातों पर अमल रहकर काम करें और जब आपको लगे कि मैं पहली लेशन के पहले बातों पर अमल इतने दिन तक हूं और अब मुझे आगे बढ़ने की जरूरत है तो आप फिर से दूसरे लेशन को पढ़ लेना । स्टेप- बाय- स्टेप पढ़ने और करने से आपके सारे काम आसानी से होती भी जाएंगी और उस किताब के जरिए आप अपने सारे काम कर पाएंगे ।

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