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Saturday, August 24, 2019

जो बोला सही बोला !

large;"> " उस प्रभु ने अपार कृपा करके आपको एक ऐसी उत्तम दात बख्शी है, जिसके सामने इस संसार की सारी धन-दौलत तुच्छ है। पर इस दात का लाभ आपको तभी पहुँचेगा जब आप उसका अभ्यास करेंगे "

       दिल्ली में एक महाजन था । उसे साधु-संतों के सत्संग सुनने का बहुत शौक था। वह हर रोज
सत्संग में जाता और अपने लड़के को दुकान पर छोड़ जाता ।एक दिन उसके लड़के ने कहा, "पिता जी, आप हरी दर्शन करने जाते हो,आपको इससे अवश्य आनंद आता होगा। एक दिन मुझे भी सत्संग जाने की आज्ञा देना और आप दुकान पर रहना। मेरा मन भी करता है कि देखूं सत्संग कैसा होता है ।" पिता ने कहा, "क्यों नहीं, तुम भी ज़रूर जाना। तुम्हें भी इससे आनंद आएगा।"                            जब लड़का सत्संग में गया तो वहां महात्मा ने वचन कहे, "सब की सेवा करनी चाहिए, कभी मैं Online Business करता हुं।आप शांति से इस पेज को भी देख सकते है।किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए।" वह सत्संग सुनकर दुकान पर आ गया।बाजार में गाय फिरती रहती थी। एक गाय आकर आटा खाने लगी। वह चुपचाप बैठा रहा । इतने में उसका पिता आ गया। उसने देखा तो गुस्से से बोला," ओ अंधे ! गाय आटा खा रही है।" उसने जवाब दिया, "तो क्या हो गया! अगर दो-चार सेर खा जाएगी तो क्या घट जाएगा। हमारे पास बहुत है, कितना खा जाएगी? हमारे कितने मकान है जिनका हमें किराया आता है और जो रकम हमने लोगों को उधार दे रखी है, उससे कितना ब्याज आता है।अगर गाय थोड़ा सा आटा खा जाएगी तो क्या होगा ?" महाजन ने कहा,आज तू यह कहां से सीख कर आया है ? तुम अच्छी तरह समझ लो कि मुझे यह बिल्कुल पसंद नहीं है।" लड़की ने कहा, यह सत्संग में सुना था कि सब की सेवा करनी चाहिए, किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए।" यह सुनकर आग बबूला होकर कहा," दोबारा कभी सत्संग मे मत जाना ।
https://www.google.co.in/url?sa=i&source=images&cd=&cad=rja&uact=8&ved=2ahUKEwi_2sGGspvkAhUbf30KHUQoA8AQjB16BAgBEAM&url=https%3A%2F%2Fcommons.wikimedia.org%2Fwiki%2FFile%3AShri_Guru_Nanak_Satsang_Sabha.jpeg&psig=AOvVaw201ud2nUksFJnNRUNTsoCB&ust=1566732103515032देख, मैं 37 साल से सत्संग सुनता आया हुं पर मुझे एक भी याद नहीं। तूने ऐसा क्यों किया ? यह बात याद रखना कि सत्संग सुनने के बाद वही पल्ला झाड़ कर आ जाना। मैं एक कान से सुनता हूं और दूसरे से निकाल देता हुं । ऐसी बातें पल्ले नहीं बांधा करते। मेरी ओर देख। मुझे कितना समय हो गया है सत्संग में जाते, मैं हमेशा पल्ला झारकर चला आता हूं।"

YouTuber Tricks          इसी तरह हम भी सत्संग सुनते हैं लेकिन अमल नहीं करते।⇜ प्रेम से प्रेम,घृणा से घृणा ⇝ अमृत दान

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