लेकिन यह मैसेज अभी नहीं आएगा यह मैसेज 30 साल के बाद आएगा (लगभग..)क्योंकि कुछ चीजें पहले अच्छी लगती है फिर खराब लगती है और कुछ चीजें पहले खराब लगती है फिर अच्छी लगती हैं जिस प्रकार से हम लोग वायुमंडल के ओजोन परत की बात कर रहे थे ओजोन परत में छिद्र हो गया है, सूर्य का पराबैगनी किरण अब हमारे धरती की तरफ पहुंचेगा और हमें जलाकर राख कर देगा या उसमें इस तरह की किरण होती हैं जो हमारे स्किन के लिए नुकसानदेह है लेकिन आज कुछ भी नहीं ठीक उसी प्रकार से कोरोना वायरस हम लोगों के लिए, हम लोग उसे सोच रहे हैं एक घातक बीमारी लेकिन आने वाले समय में आपको यह घातक बीमारी एक बीमारी साबित नहीं रहेगी और आप इसे समझेंगे कि यह अच्छा था क्योंकि हम लोगों ने अगर दूसरा ग्रह खोज कर अपना जीवन यापन वहां करने की सोचें तो हमारे इस कोरोनावायरस से लड़ने का गले में ताकत आ गई थी, जिसके कारण से हम लोग आज किसी दूसरे ग्रह पर जीवन यापन कर रहे हैं|
ऐसी बहुत सारी चीजें हैं जो पहले आकर चली गई ठीक उसी प्रकार से यह कोरोनावायरस भी रहेगी और हम लोग उसे उस तरीके से नहीं देखेंगे जिस तरीके से अभी देख रहे हैं।
यह मैसेज मैं भारतीय नागरिक विक्रांत कुमार दे रहा हूं अगर यही मैसेज Amrica से आए तो आप इसे अच्छी तरीके से समझेंगे और सुनेंगे भी, लेकिन भारत के लोगों का भारत में कोई नहीं सुनेगा और इसे गलत साबित करने के लिए सभी पीछे पड़ जाएंगे लेकिन 30 -40 वर्षों के बाद यह साबित होकर रहेगा कि कोरोनावायरस ठीक था| क्योंकि भारत में इतनी ज्यादा टेक्नोलॉजी नहीं है जो लोग समझेंगे गे की कोरोना वायरस ठीक है |
मौत हो रही है जिससे सभी को दुख है लेकिन कोई इस बीमारी का अपने खुद से सॉल्यूशन नहीं ढूंढ पा रहा है, यह सबसे बड़ी भूल हो रही है| कुछ चीजें डर से भी घातक कर जाती है| दो आदमियों को रखें और लोग दोनों को एक को बिना जहर वाले सांप से कटवाए और दूसरे को जहर वाले सांप से कटवाए और जिसे बिना जहर वाले सांप ने काटा है उसे भी यह घातक कर जाएगा क्योंकि उसे सांप ने काटा है और उसे कोई जानकारी नहीं है सांप के विषय में यह वायरस ठीक उसी प्रकार से काम कर रही है|
पृथ्वी पर ऐसे बहुत सारे घातक वायरस हैं जिससे आपकी मिनटों में मौत हो सकती है| केवल सुरक्षा से ही आप उसे सुधार कर सकते हैं ठीक वैसे ही यह वायरस भी है समझने का फेर है कुछ समझते हैं कुछ नहीं |
जैसे ही पागल को साबित नहीं कर सकते हैं कोई पागल अपने आप से उसे वह ठीक लग रहा होता है ठीक वैसे ही कोई भी धर्म अपने काम को करते हुए उसे ठीक लग रहा होता है लेकिन दूसरे धर्म वाले को कुछ गलत और कुछ सही लगता है| यह वायरस ठीक वैसे ही काम कर रहा है जैसे हम लोग जन्माष्टमी में जानते हैं कृष्ण जी का जन्म होता है और प्लास्टिक या मिट्टी के बनाए गए मूर्ति को झूले में लेकर उन्हें झूलाते हैं। उनके लिए भजन करते हैं और किसी को यह लगता है कि यह एक बिजनेस है और किसी को यह लगता है कि आखिर यह क्या कर रहे हैं? जिस प्रकार से हम खाना खाते हैं और आंख लजाता है। मैं कुछ बातों को आप लोगों के साथ में रख रहा हूं बहुत सारी बातें मेरी गलत भी साबित करने के लिए आप लोग पीछे पड़ जाएंगे और कुछ बातें सही भी है लेकिन आप उसे गलत मान कर आगे बढ़ जाएंगे क्योंकि सिचुएशन के हिसाब से हर वर्ग काम होता है।
जिस समय जिस चीज का हवा चल रहा होता है, उस समय उसी चीज का हवा से रिलेटेड मैसेज आना शुरू हो जाता है और उसी हवा से रिलेटेड बिजनेस करना शुरू हो जाता है क्या कोरोनावायरस को लेकर न्यूज़ वाले कम पैसे कमा रहे हैं, अभी लेकिन मैंने अभी इस बात को बोला है पैसे को लेकर तो आप मुझे गलत साबित कर दोगे, अगर सही आदमी कहता है। मैं पागल नहीं हूं....... तो डॉक्टर उसे कहते हैं हर पागल यही कहता है मैं पागल नहीं हूं |
भारत नया बनने जा रहा है। यहां सिर्फ पहले पक्ष विपक्ष की न्यूज़ ज्यादा चलती थी लेकिन अब सिर्फ कोरोना वायरस को लेकर ज्यादा चल रही है तो इस मैसेज से यह भी सूचना मिलती है कि हमारा देश एक है, एक लोकतंत्र है और यहां आने वाले दिन में बहुत अच्छे होंगे क्योंकि यहां एक सरकार होंगी, उन्हें यह बातें समझ आ गई होंगी कि हमें बुरी स्थिति में कैसे अपने आप को संभालना है और हमारी जनता को यह समझ में आ गई होंगी कि हमारी सरकार हमारे साथ में खरा है।
हम लोग अपनी सरकार को लेकर बहुत एक्टिव हैं और आने वाले दिनों में यह भारत में टेक्नोलॉजी बढ़ जाएगी, जिसको लेकर यह कोरोना वायरस आया है। इससे पहले भी कई सारे वायरस कई सारे डरावने असमंजस आई थी और टल गई,, हो सकता है इस कोरोना वायरस में गई जाने आगे जाकर फायदेमंद भी हो सकती है और यह मैं अपने बचाव के लिए इस तरीके का मैसेज दे रहा हूं आगे जाकर फायदेमंद हो सकती है |
इस वायरस से या किसी डरावने वायरस के मैसेज से लोगों की मौत हो रही है| मुझे इससे बेहद दुख है| मैं भी आप लोगों की तरह एक नॉरमल इंसान हूं| मैं भी रोता हूं लेकिन समझ ना रहने की वजह से मौत की गलतियां हो रही है अपने आप को सर्वशक्तिमान मानिए यह जानकर भी सभी अनजान बैठे हैं।लेकिन हमने सर्व शक्तिमान वाली बातें आपसे कहीं तो आप अपने आप को बहुत सर्वशक्तिमान मानकर हर जीव को खाने का, मारने का रिवाज बना सकते हैं और इस गलतियों के कारण से हो सकती है मौत हो रही हो कुछ लोगों के लिए अच्छा और कुछ लोगों के लिए बुरा समय है।
क्योंकि अपने बचाव के लिए हर कोई अपना जिम्मा उठाता है ठीक वैसे ही मैंने आपके सामने इस मैसेज को रखा भी और खत्म भी कर दिया। आप इसे बिजनेस के तौर पर भी देख सकते हो, आप इसे एक सच्चाई आने वाली है उसके तौर पर भी देख सकते हो और डर को भगाएं अपने हिम्मत से लड़े हर सिचुएशन में अपने आप को संभालने का तरीके को ढूंढे एक मैसेज यह भी है।
क्योंकि हमने अपना काम सिर्फ कंप्यूटर पर बैठकर किया, कहीं बाहर नहीं गए, कोई लोग बाहर से मेरे पास मिलने नहीं आए तो हमने कोरोनावायरस को संक्रमित होने से भी बचाया और अपना काम भी किया आप लोगों के साथ में इस मैसेज को देखकर कुछ लोग यह भी समझेंगे।
और कुछ लोग यह भी समझेंगे कि यह बाहर तो नहीं गया लेकिन इंटरनेट पर काम करके इतने सारे लोगों को संक्रमित कर दिया कि कोरोनावायरस अच्छा है लेकिन इसमें कहीं दूसरे के पास में जाकर नहीं कहा कुछ लोग यह भी जरूर समझेंगे।
तो मैं उन लोगों को सभी को थोड़ा-थोड़ा मैसेज अपने दिमाग के बल पर देता हूं कि आखिर आदमी क्या करें बाहर ना जाए, किसी से हाथ ना मिलाएं, दूरी बनाए रखें, काम पर ना जाएं, हवा में सांस ना ले- खुले में बिना मास्क लगाए तो आदमी आखिर करें क्या कुछ लोग यह भी कहेंगे, अब इतनी सारी बातें हो गई लेकिन इतनी सारी बातों का कोई भी निष्कर्षण नहीं निकला तो उन लोगों को भी यह समझाना चाहूंगा एक निष्कर्ष निकला दो निष्कर्ष निकला ऐसे कई सारे निष्कर्षण निकले लेकिन कुछ फायदा हुआ या कुछ लोगों को फायदा नहीं, भी हुआ यह ठीक इंफिनिटिव के तरह एक मैसेज मान सकते हैं और मैंने इंफिनिटिव इसलिए कहा क्योंकि दुनिया में ज्ञान का इंफिनिटीफ कारण है ज्ञान अनंत है विश्व आनंद है यह पूरा जगत अनंत है ठीक मेरा मैसेज आप लोगों को एक अनंत की तरह काम करता है आपके अनंत प्रश्न होंगे और हमारे अनंत उत्तर होंगे इसीलिए मैंने इनफिनीटिव्स शब्द का यूज किया है।

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