
....कोरोना = ना रोको
जैसे चाइना इस मुश्किल भरी घड़ी में अपने दिन गुजार रहा है और कई लोगों को के न्यूज़ का सबसे बड़ा हेड लाइन बन चुका है। कई लोग इस Varius से लड़ रहे हैं तो कई लोग की कमाई का जरिया भी बन रहा है| लोग चाइना के पल-पल का न्यूज़ देखना चाहते हैं |
हम भारतवासी उनकी मदद अपने इष्ट देव को पुकार कर विनती कर सकते हैं और जहां तक हो सके उनकी मदद के लिए तुलसी, नीम, सरसों के केमिकल मिलाकर हमें एक सस्ता और सबसे अच्छा मास्क बनाने की जरूरत है। अगर भगवान ना करे ऐसा हो कहीं भारत में इस वायरस का विस्तार होना शुरू हो जाएगा तो लोगों का बचना मुश्किल पड़ जाएगा।
इस वायरस को कोरोना नाम देने का मतलब किंग कोबरा सांप से ली गई है अगर किंग कोबरा सांप काट ले तो उसे बचाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। जिस प्रकार से चाइना के लोग कुत्ता, बिल्ली, छछूंदर, चींटी, तिलचट्टा, मेंढक ,मछली, सांप, मुर्गी, बकरी ,गाय घोड़ा ,चमगादर ,बिच्छू ,मकड़ा ,कबूतर और लोमड़ी जैसे और भी कई सारे चीजों को यह सब कई तरीकों से पका कर ,गला कर इसे कच्चा-पक्का तैयार करके अपने भोजन के रूप में खाते हैं। उसी प्रकार से आज जहां -तहां लोग मरे जा रहे हैं। इसे ना दफनाने का जगह है ना जलाने की जगह.. लोग इसी तरह एक ही लहास के ऊपर कई सारे लाशों को जलाए जा रहे हैं।
पूरे चाइना को बचाना अब मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा लग रहा है, कृपया करके अगर आप इस लाइन को पढ़ रहे हैं तो इसे शेयर जरूर करें और सभी लोगों से यह विनती की जाती है कि हम सभी भगवान से यह मनाए की चाइना में फिर से जीवन साधारण हो जाए।
या आप और चाहते हैं, चाइना में जिस तरह का मंजर अभी है ऐसा मंजर किसी और भी देश में हो हम भारतीय हैं हमें यह कदापि नहीं भूलना चाहिए विश्व गुरु भारत की पदवी हमें ऐसे ही प्राप्त नहीं हुई है हमें पूरे पृथ्वी की हिफाजत करनी है और ऐसे ही नहीं चौरासी लाख भगवानों का जिक्र हमारे पुराणों और महान ग्रंथों में की गई है यह हमें कदापि नहीं भूलना चाहिए। तीनों लोकों में हिंदू धर्म सबसे अहम माना गया है और इस धर्म से जुड़े कई सदियों से चलता महाभारत, गरुड़ पुराण और कई सारे ग्रंथों में हमारे विश्व गुरु भारत का जिक्र है।
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| Coronavirus |
कोरोना वायरस बाद में आपके खून में मौजूद होता है, पहले तो आपके फेफड़ों में मौजूद होकर आप की जान ले लेता है।
यह वायरस जहरीले सांप और बिच्छू ,कच्चे मांस से मिलकर एक भयानक विषाणु है, जिसके प्रभाव में आने से मनुष्य मरने लगते हैं।
डॉक्टर ली ने पिछले साल 30 दिसंबर को ही कोरोना वायरस से आगाह किया था. उन्होंने अपने मेडिकल स्कूल के ऑनलाइन एम्युमनी चैट ग्रुप में बताया था कि उनके अस्पताल में सात मरीज आए हैं जिनमें सार्स जैसी बीमारी के लक्षण मिले हैं. ली ने बताया था कि कोरोना वायरस की चीन में जड़ें काफी पुरानी है. वर्ष 2003 में भी इस वायरस ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली थी |
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| Corona ke latin naam |
कोरोना वायरस बच्चे, बूढ़े ,जवान वह किसी को भी नहीं छोड़ रहा। वह सबसे ज्यादा सिर्फ मनुष्य जाति पर प्रभाव कर रहा। कृपया बचकर रहें हमेशा सचेत रहें।
अपनी नाक में मास्क पहनकर घर से बाहर निकले, बेकार की चीजों को ना छुए, वह आपके हाथों से भी पहुंच सकता है। आने वाले दिनों में चाइना अपने सामान किसी भी देश में कुछ दिनों के लिए नहीं भेजेगा क्योंकि कोरोना वायरस से संक्रमित कंपनी के लोग अगर समान को छू भी ले तो उसके छुए हुए जगह को फिर से कोई छू ले तो उसे भी संक्रमण हो सकता है,
कृपया करके आप अपनी सभी परिवार को यह मैसेज शेयर कर दें मैं आपके लिए बड़े बड़े अक्षर में -जिसे पढ़ने में आपको कोई तकलीफ नहीं होगी, मैं आशा करता हूं आप सुरक्षित रहें हम सुरक्षित रहेंगे।
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