Face kitab

Saturday, July 20, 2019

Hidden Health, Teaching of gurus, Education for life

                  हमारे प्यार का खोखलापन

        एक बुढ़िया थी | उसकी एक जवान लड़की थी,इत्तेफाक से वह लड़की सख्त बीमार हो गई, बहुत इलाज कराया लेकिन फायदा ना हुआ,बुड़िया कहने लगी कि हे परमात्मा इसकी जगह मैं मर जाऊं, यह बच जाए, ''मैं तो बुड़िया हूं दुनिया में बहुत कुछ देख चुकी हूं, यह जवान है| बार-बार यही कहती-रहती,

1 दिन बाहर का दरवाजा खुला रह गया,

कहीं से एक आवारा गाय अंदर आ घुसी | रास्ते में एक बोड़े परी हुई थी,गाय ने खाने के लिए ज्यो ही बोड़े में मुंह डाला,''बोड़े उसके सिंह में फस गया,''लगी घबरा कर इधर-उधर दौड़ने,बोड़े के नीचे का काला हिस्सा सामने था,जब गाय ने दो चार चक्कर लगाए तो, बुढ़िया डर गई और समझी की मौत का फरिश्ता आ गया है,कहने लगी मैं तो बुढी हूं,लड़की वह सामने पड़ी है इसको ले जा......

सो मनुष्य बातें से कुछ करता है और दिल में कुछ ओर होता है लेकिन सच्चा सत्संगी नित्य मरता है और उसे अपनी मौत की इतनी खुशी होती है जितनी किसी को अपनी शादी की भी नहीं होती !

     मोदि जी के सुनदर वचन

जिस प्रकार कुल्हारी का साथ लकड़ी
 नही छोड़ता,
उसी प्रकार अच्छे लोग कि साथ आप भी नही छोड़ते !

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